NSE-BSE ने टाटा मोटर्स DVR के शेयर की डीलिस्टिंग को दी मंजूरी

NSE-BSE ने टाटा मोटर्स के ‘ए’ ऑर्डिनरी शेयरों (डीवीआर यानी डिफरेंशियल वेटिंग राइट्स) को रद्द करने और ऑर्डिनरी शेयर को अलॉटमेंट करने को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी टाटा मोटर्स ने दी है। एक्सचेंजों ने कंपनी, शेयरधारकों और ऋणदाताओं के बीच इसके लिए व्यवस्था की योजना को भी मंजूरी दे दी।

DVR को Tata करेगी ‘टाटा’

10 Tata Motors DVR शेयर पर शेयरधारकों को Tata Motors के 7 शेयर मिलेंगे। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि टाटा मोटर्स DVR को खत्म कर रही है। कंपनी DVR शेयर को ऑर्डिनरी शेयरों में बदलेगी।

टाटा मोटर्स डीवीआर प्राइस

टाटा मोटर्स डीवीआर गुरुवार को 1 फीसदी बढ़कर 474 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। बता दें कि इसका शेयर एक साल में 100 फीसदी बढ़ा है।

जानें डीवीआर के बारे में-

डीवीआर शेयर यानि डिफरेंशियल वोटिंग राइट शेयर ऐसे शेयर होते हैं जिसपर वोटिंग और डिविडेंड के लिए विशेष अधिकार जुड़े होते हैं। दरअसल आम नियमों के अनुसार किसी कंपनी के हर स्टॉकहोल्डर को समान वोटिंग राइट्स और डिविडेंड राइट्स मिले होते हैं।ऐसे शेयरों को सामान्य या ऑर्डिनरी शेयर कहा जाता है। इस बीच डीवीआर का कॉन्सेप्ट लाया गया। इसमें कंपनियां कुछ ऐसे शेयर जारी करती है जिसमें वोटिंग राइट्स आम शेयरों के मुकाबले कम होता है।इसके बदले में कंपनियां डीवीआर के निवेशकों को आम शेयरधारकों के मुकाबले ज्यादा डिविडेंड ऑफर करती है

आसान भाषा में समझें तो ऐसे निवेशक जो कंपनी से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं और कंपनी ते मैनेजमेंट के फैसलों को लेकर होने वाली वोटिंग में शामिल नहीं होते , उनको कंपनियां अतिरिक्त डिविडेंड के रूप में ज्यादा भुगतान कर उनके वोटिंग राइट्स का हिस्सा ले लेती हैं। इससे कंपनी और निवेशक दोनों को ही फायदा होता है।डीवीआर की खास बात ये है कि डीवीआर आम शेयरों के मुकाबले काफी कम कीमत पर ऑफर होते हैं ऐसे में निवेशक कम रकम के साथ भी कंपनी की ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं।

भारत में कब हुआ था लॉन्च?

भारत में सबसे पहले टाटा मोटर्स ने 2008 में पहला डीवीआर लॉन्च किया था। जिसके बाद गुजरात एनआरई कोक, फ्यूचर एंटरप्राइजेस और जैन इरीगेशन ने अपने डीवीआर उतारे।

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