WFI New President: बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. बृजभूषण शरण सिंह के दामाद विशाल सिंह ने जानकारी दी कि संजय सिंह के पूरे पैनल को जीत मिली है और बहुमत भी अच्छा है.
क्या बोले संजय सिंह?
चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह ने कहा कि अब राष्ट्रीय शिविर (कुश्ती के लिए) आयोजित किए जाएंगे. जो पहलवान राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति कर सकते हैं, जो कुश्ती करना चाहते हैं वे कुश्ती करेंगे.
वहीं बृजभूषण सिंह के दामाद विशाल सिंह ने रिजल्ट के बाद कहा कि हमारे पूरे पैनल ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा, ”हमारे सभी पैनल की जीत हुई है. सभी अच्छे बहुमत से जीते हैं. गिनती चल रही है तो अधिकारिक नंबर जल्द ही आ जाएंगे. पिछले कुछ दिनों में कुश्ती को नुकसान हुआ. हमारे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन कर सकते थे, लेकिन जो भी पिछले कुछ दिनों में हुआ उसका नुकसान हुआ है.”
VIDEO | “Our entire panel (Sanjay Singh panel) has won, everyone has won with a good majority,” says Brij Bhushan Sharan Singh’s son-in-law Vishal Singh on WFI election results.
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 21, 2023
WFI New President: पिछले कुछ समय में काफी नुकसान हुआ
विशाल सिंह से जब निर्वाचित पैनल की प्राथमिकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “जो पिछले कुछ दिनों में कुश्ती को नुकसान हुआ है, ये जरूर कहा जा रहा है कि कुश्ती का जो ट्रांजिशन रहा, वो सुचारू रहा. हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे लेकिन इन सारी चीजों की वजह से पिछले कुछ समय में अच्छा नहीं कर पाए. अगर खिलाड़ियों को मेरिट के आधार पर नहीं आंका जाए और पॉलिटिक्स के कारण किसी को फ़ायदा हो तो क्षमतावान खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचता है.”
VIDEO | Sanjay Singh, a loyalist of Brij Bhushan Sharan Singh, receives a warm welcome from his supporters in Delhi after being elected as the new WFI president. pic.twitter.com/JBxxZr8gGN
— Press Trust of India (@PTI_News) December 21, 2023
फ़ेडरेशन को मंज़ूर नहीं था बदलाव
वहीं, इस चुनाव में हार का सामना करनेवाली अनीता श्योरण ने कहा, “इतनी बड़ी लड़ाई लड़ी, इतना मुश्किल लग रहा था, उम्मीदें तो सबकी थी, हम बच्चियों के लिए लड़ रहे थे. फ़ेडरेशन को बदलाव मंज़ूर नहीं था. उनकी लड़ाई ख़त्म नहीं हुई है. उनकी शिकायत पर अब कुछ नहीं होगा. हम तो मध्यम परिवार से आए हैं, उनकी जड़े मज़बूत थी. अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रहेगी. अन्याय के खिलाफ चुप तो नहीं बैठा जाएगा. अब सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है.”