सुबह के वक्त आने वाले हार्ट अटैक क्यों हैं ज्यादा खतरनाक, जानें कारण

Heart Attack Reason: आजकल हार्ट अटैक से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. क्या बच्चा, क्या जवान और क्या बूढ़ा. देश में भी हार्ट अटैक से होने वाली मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिकतर हार्ट अटैक सुबह के वक्त ही क्यों आते हैं. और क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है.

एक रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर के बीच आने वाले हार्ट अटैक सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं. रिसर्च में यह बात भी साफ हुई है कि सुबह के समय सबसे ज्यादा हार्ट अटैक (Heart Attack) आते हैं. स्पेन में हाल ही में एक रिसर्च कराया गया है जिसमें यह साबित हो चुका है कि हार्ट अटैक अक्सर सुबह के वक्त आते हैं. सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर तक आने वाले हार्ट अटैक आमतौर पर सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं.

‘कार्डियोवास्कुलर फिजियोलॉजिकल’
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय अगर हार्ट अटैक आता है तो इससे करीब 20 प्रतिशत हिस्सा ​डेड टिशु में बदल जाता है. ये उस व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. ऐसा दिन के किसी और समय पर हार्ट अटैक आने पर कम ही होता है. ‘कार्डियोवास्कुलर फिजियोलॉजिकल’ प्रक्रियाएं तब ज्यादा होती है. जब कोई व्यक्ति नींद से जाग रहा होता है. Myocardial infarction या हार्ट अटैक की स्थिति ऐसी बनती है जब Coronary Artery ब्लॉक हो जाती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण हार्ट टिश्यूज का एक हिस्सा मर जाता है और काम भी नहीं करता है.

Circadian Rhythm का बड़ा रोल
Circadian System के इंटरनल ब्लॉक होने कारण हार्ट अटैक आता है. यह सोने, जागने और थकान जैसी दिक्कत को रेगुलेट करने का काम करता है. इसके कारण सुबह के वक्त हार्ट अटैक और स्ट्रोक होता है. ये 24 घंटे के साइकल के भीतर घूमते हैं. कारडिय रिथम को से साइकोलॉजिकल पैरामीटर को रेगुलेट करती है.

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में फर्क
कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है.
जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है
लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है.
जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है.
तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है.
वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.
Heart Attack Reason: कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डिएक अरेस्ट में आमतौर पर बिल्कुल भी कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है.
मरीज जब भी गिरता है तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं.
जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है.
मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी बढ़ जाती है और वह नॉर्मल तरीके से सांस नहीं ले पाता है.
पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है.
ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.
Heart Attack या कार्डिएक अरेस्ट ज्यादा खतरनाक क्या है ?
अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात करें तो वह कार्डिएक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 24 से लेकर 48 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डिएक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.

कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज जरूर करें और वजन न बढ़ने दें.
2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलना लाभदायक रहेगा.
3. जितना हो सके जंक फूड से दूरी रखें. फ्रूट्स और अंकुरित अनाज खाएं.
4. खाने में सलाद जरूर खाएं. हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को भी अपने खाने में शामिल करें.
5. भरपेट खाना खाने से परहेज करें और ज्यााद देर तक भूखें भी न रहें.
6. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें.
7. मोबाइल और टीवी से जितना हो सके दूरी बनाएं.
8. स्ट्रेस लेने और अकेलेपन से बचें.
9. 30 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच शुरू करें.

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